*🔬दस बे असल रिवायतें🔬*
अ़वाम में बहुत सी ऐसी रिवायतें मशहूर हैं, जिन का कोई सुबूत नहीं मिलता; जै़ल में ऐसी दस बे असल रिवायतें मुलाह़जा फरमाएं:
▪ *रिवायत 1️⃣:* हुज़ूर अक़दस ﷺ दीन की दावत के सिलसिले में अबू जहल के दरवाज़े पर सौ बार तशरीफ़ ले गए थे।
▪ *रिवायत 2️⃣:* एक बार हुज़ूर अक़दस ﷺ ने सख़्त तूफानी रात में अबू जहल के घर का दरवाज़ा खटखटाया, तो अबू जहल ने अपनी बीवी से कहा कि ऐसी तूफानी रात में कोई ज़रूरत मंद ही यहां आ सकता है, इस लिए मैं उस की हा़जत जरूर पूरी करूंगा, चुनांचे जब अबू जहल ने दरवाज़ा खोला तो देखा कि दरवाज़े पर हुज़ूर अक़दस ﷺ खड़े हैं, आने की वजह पूछी तो हुज़ूर अक़दस ﷺ ने जवाब में फरमाया कि: ईमान ले आओ कामयाब हो जाओगे। इस पर अबू जहल ने गुस्से में आकर दरवाज़ा बंद कर दिया।
इस वाकिऐ़ को लोग मुख्तलिफ अंदाज़ में बयान करते हैं कि, बाज़ लोग इस को यूं भी बयान करते हैं कि एक बार अबू जहल ने ऐलान किया कि जो भी मेरे पास ज़रूरत ले कर आएगा, तो मैं उस की ज़रूरत ज़रूर पूरी करूंगा। चुनांचे हुज़ूर अक़दस ﷺ तशरीफ़ ले गए और ईमान लाने की दरख्वास्त की, जिस पर अबू जहल गुस्सा हो गया।
◼️ *रिवायत 3️⃣:* अ़र्श को उठाने वाले फरिश्ते अल्लाह तआ़ला के रास्ते में निकलने वाले शख्स के लिए तीन दुआ़एं करते हैं कि: ऐ अल्लाह! इस शख़्स की मग़्फिरत फरमा। इस शख़्स के घर वालों की मग़्फिरत फरमा। इस शख़्स को इस के घर वालों के साथ जन्नत में जमा फरमा।
◼️ *रिवायत 4️⃣:* तालिबे इ़ल्म के जिस हिस्से पर उस्ताद की मार पड़ती है उस पर जहन्नम की आग ह़राम हो जाती है।
◼️ *रिवायत 5️⃣:* कपड़े की तिजारत सब से अच्छी तिजारत है और सिलाई का हुनर सब से अच्छा हुनर है।
◼️ *रिवायत 6️⃣:* जो औ़रत अपने खाविंद को अल्लाह तआ़ला के रास्ते में रवाना करती है, वो अपने खाविंद से पांच सौ साल पहले जन्नत में जाएगी।
◼️ *रिवायत 7️⃣:* ह़ज़रत बिलाल رضی اللہ عنہ ने एक बार हुज़ूर अक़दस ﷺ से अर्ज़ किया कि ऐ अल्लाह के रसूल! अल्लाह का शुक्र है कि उस ने हिदायत अपने हाथ में रखी है, वरना तो अगर हिदायत आप के हाथ में होती, तो ना जाने मेरी बारी कब आती।
◼️ *रिवायत 8️⃣:* जो शख़्स मस्जिद में हवा ख़ारिज करता है, तो फरिश्ता उस को अपने मुंह में लेकर मस्जिद से बाहर निकाल देता है।
◼️ *रिवायत 9️⃣:* क़यामत के दिन अल्लाह तआ़ला जलाल और गु़स्से में होंगे, इतने में हज़रत अबू बकर सिद्दीक़ رضی اللہ عنہ को हिसाब के लिए अल्लाह तआ़ला के सामने पेश किया जाएगा, तो उन्हें देख कर अल्लाह तआ़ला का गु़स्सा ठंडा हो जाएगा और लोगों से हिसाब किताब लेने का आगाज़ हो जाएगा।
◼️ *रिवायत 🔟:* बिस्मिल्लाह पढ़ कर घर में झाड़ू लगाने पर बैतुल्लाह में झाड़ू लगाने का अज्र मिलता है।
➡️ *तह़की़क़ व तब्सिरा:*
मज़कूरा (ऊपर जिक्र की गईं) दस रिवायते़ बे असल हैं, जिन का हुज़ूर अक़दस ﷺ और ह़ज़राते सहा़बा किराम से कोई सुबूत नहीं मिलता, इस लिए इन को बयान करने से बचना चाहिए।
❄️ *अहा़दीस बयान करने में सख़्त एह़तियात की ज़रूरत:*
आजकल बहुत से लोग अहा़दीस के मुआ़मले में कोई एह़तियात नहीं करते, बल्कि कहीं भी ह़दीस के नाम से कोई बात मिल गई, तो मुस्तनद और मौतबर अहले इ़ल्म से उस की तहकी़क किए बगैर ही उस को ह़दीस का नाम दे कर बयान कर देते हैं, जिस के नतीजे में उम्मत में बहुत सी मन्घड़त रिवायतें आ़म हो जाती हैं।
इस लिए अहा़दीस के मुआ़मले में बहुत ही ज़्यादा एह़तियात की ज़रूरत है;
क्योंकि रसूलुल्लाह ﷺ की तरफ़ किसी बात को ग़लत मन्सूब करना यानी जो बात आप ﷺ ने नहीं फरमाई, उस के बारे में यह कहना कि यह रसूलुल्लाह ﷺ का फरमान है बड़ा सख़्त गुनाह है।
सही बुखारी की रिवायत है, नबी करीम ﷺ ने इरशाद फ़रमाया:
जिस ने मुझ पर जानबूझ कर झूठ बोला, वो अपना ठिकाना जहन्नम बना ले।
110- عَنْ أَبِي هُرَيْرَةَ عَنِ النَّبِيِّ ﷺ قَالَ: «...وَمَنْ كَذَبَ عَلَيَّ مُتَعَمِّدًا فَلْيَتَبَوَّأْ مَقْعَدَهُ مِنَ النَّارِ».
✍🏻___ मुफ्ती मुबीनुर रह़मान साह़ब दामत बरकातुहुम
फाज़िल जामिआ़ दारुल उ़लूम कराची
हिंदी तर्जुमा इख़्तिख़ार व तस्हील:
अल्तमश आ़लम क़ासमी
1 टिप्पणियाँ
Allah ummat e muslima ki hifazat farmaye aameen summa Aameen Allah humma aameen
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