राइज रिवायात का इ़ल्मी जाएज़ा ❶
० لا الہ الااللہ (ला इलाह इल्लल्लाह) पढ़ने से एक अ़जीबुल खिलक़त फरिश्ते के पैदा होने के बारे में रिवायत की तह़क़ीक़:
रिवायत: जो शख़्स لا الہ الا اللہ (ला इलाह इल्लल्लाह) पढ़ता है, अल्लाह तआ़ला इस कलमे की वजह से एक परिंदे को पैदा फरमाते हैं। (अवाम में परिंदे की जगह फरिश्ता मशहूर है) जिस की सत्तर हज़ार जबानें होती हैं, हर ज़बान में एक हज़ार बोलियां होती हैं, और वो फरिश्ता उन सब ज़बानों और बोलियों में उस बंदे के लिए अल्लाह तआ़ला से मग़फिरत तलब करता है।
तह़क़ीक़: इस रिवायत को मशहूर मुह़द्दिसीने किराम (مثلا ملا علی قاری، علامہ قاوقجی، حافظ ابن قیم رحمہم اللہ) ने मोज़ू, खुद साख्ता और मंघड़त क़रार दिया है।
इस लिए इसे बयान करना दुरुस्त नहीं।
(الموضوعات الکبری ص 406، المنار المنیف ص39، چند معروف لیکن غیر مستند احادیث ص 87)
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