हम सब मोहब्बत-ए-रसूल ﷺ के दावेदार हैं और मोहब्बत का सबसे अच्छा इज़हार महबूब की इत़्तिबा (पैरवी) है। आइए हम अ़हद और इरादा करें कि कम से कम तीस सुन्नतें अपनी रोज़ाना की ज़िंदगी का ज़रुरी ह़िस्सा बना लेंगे।
बल्कि सारी ही सुन्नतें अपनाने की कोशिश करेंगे।क्या तीस दिन में तीस सुन्नतें सीखने के इस सफ़र में आप हमारे साथ हैं?




























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