✨❄ इस़लाहे़ अग़लात़: अ़वाम में राएज ग़लतियों की इसलाह़ ❄✨
सिलसिला नम्बर 216:
🌻 इस्तन्जे के लोटे से वज़ू करने का ह़ुक्म
📿 इस्तन्जे के लोटे को वज़ू के लिए इस्तेमाल करने का ह़ुक्म:
जो लोटा इस्तन्जे के लिए इस्तेमाल किया जाता हो उसको वज़ू के लिए इस्तेमाल करना जाइज़ है, इसमें कोई ह़र्ज नहीं,
अलबत्ता अगर उस लोटे पर कोई नजासत (और नापाकी) लगी हुई हो जिसकी वजह से बदन या कपड़े नापाक होने का अंदेशा (डर) हो, तो ऐसी सूरत में उसको धोकर ही वज़ू के लिए इस्तेमाल किया जाए।
☀ مرقاة المفاتيح شرح مشكاة المصابيح:
360- (وَعَنْ أَبِي هُرَيْرَةَ قَالَ: كَانَ النَّبِيُّ) وَفِي نُسْخَةٍ: رَسُولُ اللهِ ﷺ (إِذَا أَتَى الْخَلَاءَ أَتَيْتُهُ بِمَاءٍ فِي تَوْرٍ) بِفَتْحِ الْمُثَنَّاةِ وَسُكُونِ الْوَاوِ: إِنَاءٌ مِنْ صُفْرٍ أَوْ حِجَارَةٍ كَالْإِجَّانَةِ يُتَوَضَّأُ مِنْهُ وَيُؤْكَلُ فِيهِ (أَوْ رَكْوَةٍ) بِفَتْحِ الرَّاءِ وَسُكُونِ الْكَافِ: إِنَاءٌ صَغِيرٌ مِنْ جِلْدٍ يُشْرَبُ مِنْهُ. (بَابُ آدَابِ الْخَلَاءِ)
✍🏻___ मुफ्ती मुबीनुर रह़मान साह़ब दामत बरकातुहुम
फाज़िल जामिआ़ दारुल उ़लूम कराची
हिंदी तर्जुमा व तस्हील:
अल्तमश आ़लम क़ासमी
🪀9084199927
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