लिबास पहनने का सुन्नत तरीका़

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लिबास पहनने का सुन्नत तरीका़


सुन्नत यह है कि, लिबास पहनते वक़्त दाईं जानिब से इब्तिदा (और शुरुआत) की जाए, जैसे क़मीस, कुर्ता, जुब्बा और बनियान वगैरा पहनते वक़्त पहले दाईं आस्तीन पहनी जाए, फिर बाईं आस्तीन, इसी तरह शलवार, पाजामा और पैन्ट वगैरा पहनते वक़्त पहले दायां पांव दाखिल किया जाए, उस के बाद बायां पांव।

जबकि लिबास उतारते वक़्त बेहतर यह है कि, पहले बाएं हाथ और बाएं पैर से इब्तिदा (और शुरुआत) की जाए।

चूनांचे हज़रत अबू हुरैरा رضی اللہ عنہ से रिवायत है कि हुज़ूरे अक़दस صلی اللہ علیہ وسلم ने इरशाद फ़रमाया कि:

"जब तुम (लिबास, जूते या) कोई चीज़ पहनो और जब तुम वज़ू करो, तो दाईं जानिब से इब्तिदा किया करो।"

(سنن ابی داؤد حدیث: 4143، مرقاۃ المفاتیح: 401، موسوعہ فقہیہ کویتیہ)


✍🏻: मुफ्ती मुबीनुर रह़मान साह़ब दामत बरकातुहुम हिंदी तर्जुमा: अल्तमश आ़लम क़ासमी

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