फ़र्ज़ नमाज़ की तीसरी और चौथी रकात में सूरत मिलाने का हुक्म

 सिलसिला_दीनी_तालीमात: 2



फ़र्ज़ नमाज़ की तीसरी और चौथी रकात में सूरत मिलाने का हुक्म:


फ़र्ज़ नमाज़ की तीसरी और चौथी रकात में सिर्फ सूरह फातिहा पढ़नी चाहिए, उस के बाद सूरत ना मिलाना बेहतर है, अलबत्ता अगर किसी ने सूरत भी मिला ली, तो नमाज़ दुरुस्त है, ऐसी सूरत में सजदा सहू की भी जरूरत नहीं।

(رد المحتار)

(مفتی مبین الرحمٰن صاحب مد ظلہ)

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